देशभर के किसानों और पशुपालकों के लिए अब सरकार और डेयरी कंपनियों ने एक नई राहत भरी योजना शुरू की है। अगर आपके पास दुधारू गाय या भैंस है तो आप उस पर आसानी से 60 से 70 हजार रुपये तक का लोन ले सकते हो। खास बात ई है कि इस लोन के साथ पशु का बीमा भी करवाया जाता है, यानि अगर पशु को कोई नुकसान हो जावे तो पूरा लोन माफ हो जावेगा।
राजस्थान समेत कई इलाकों में किसान और पशुपालक इस योजना का फायदा उठावण लाग्या है। पहले जिथे किसान महंगे ब्याज पर उधार उठावता था, उथे अब डेयरी कंपनियों से सीधा बैंकिंग सिस्टम के जरिए लोन मिलने लाग्या है।
पशु पर लोन की खासियत
इस योजना में सबसे बड़ा फायदा ई है कि लोन के साथ बीमा भी अनिवार्य है। मान लो आपने एक गाय पर 60 हजार का लोन लिया, तो बैंक आपसे तीन साल में करीब 70 से 72 हजार रुपये की किश्तें मांगेगा। इसमें से लगभग 10 हजार रुपये पशु बीमा के लिए जोड़े जाते हैं। अगर किसी कारण से गाय या भैंस को कुछ हो जावे, तो बीमा क्लेम के जरिए पूरा लोन माफ हो जावेगा। यानि किसान को एक भी रुपया जेब से चुकाना नहीं पड़ेगा।
कई किसान तीन-तीन या चार-चार पशुओं पर लोन उठावण लाग्या है। जैसे एक किसान ने 3 पशुओं पर लोन लिया और उसे करीब 1.70 लाख रुपये मिल्या। उसे तीन साल में करीब 2.10 लाख रुपये चुकाने थे, लेकिन उसमें से हर पशु का 10 हजार का बीमा था। मतलब यदि किसी पशु को नुकसान हो जावे, तो बीमा पूरा कर्ज उतार देगा।
कौन देता है यह लोन?
यह लोन सीधे उस डेयरी के जरिए मिलता है, जिथे आप रोज दूध सप्लाई करतो। जैसे मदर डेयरी, जो आमतौर पर गाय पर ही लोन देती है, जबकि कुछ दूसरी डेयरियां भैंस पर भी लोन उपलब्ध करवाती है। लोन का प्रोसेस बिल्कुल आसान है। डेयरी से जुड़ा बैंक (जैसे HDFC या अन्य प्राइवेट/सरकारी बैंक) किसान की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करके सीधा अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दे है।
लोन के लिए जरूरी दस्तावेज
पशु पर लोन लेने के लिए किसान को आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और डेयरी अकाउंट की जरूरत होवे है। डेयरी ऑफिस से फॉर्म लेकर भरना होवे है और वही से बैंक में अप्लाई करवा दिया जावे है। बैंक अधिकारी घर आके चेक करेंगे कि आपके पास गाय या भैंस असल में है या नहीं। वेरिफिकेशन पूरा होने के 5-7 दिन बाद पैसा अकाउंट में जमा हो जावे है।
क्यों फायदेमंद है यह लोन?
ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अक्सर महाजन या साहूकार से ब्याज पर पैसा उठावे है, जे महंगा पड़ता है। लेकिन पशु पर लोन सस्ता भी है और सुरक्षित भी। किसान को छोटी-छोटी किश्तों में पैसा चुकाना पड़ता है, और साथ में बीमा होने से पशु की सुरक्षा भी बनी रहती है।
निष्कर्ष
पशु पर लोन योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ी राहत साबित हो रही है। यह योजना ना सिर्फ पशुपालकों की आर्थिक परेशानी दूर कर रही है, बल्कि उनके पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रही है। अगर आप भी दूध किसी डेयरी में सप्लाई करते हो, तो आप आसानी से इस योजना का लाभ ले सकतो।